चंढूनी ने किसानों से कहा- दिल्ली पुलिस के नोटिस पर पेश न हों, पुलिस घर आए तो पकड़कर बैठा लें

 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। ऐसे में किसान नेता गुरनाम सिंह चंढूनी ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के नोटिस पर पेश नहीं हों, क्योंकि पुलिस नोटिस के बहाने बुलाकर लोगों को पकड़ रही है।



चंढूनी ने कहा कि दिल्ली पुलिस कई किसानों को घरों से पकड़ रही है। अगर किसी किसान के घर पुलिस छापा मारे तो, उसका घेराव कर वहीं बैठा लें और पूरे गांव को इकट्ठा कर लें। पुलिसवालों को तब तक नहीं छोड़ें जब तक जिला प्रशासन आकर ये आश्वासन नहीं दे कि दिल्ली पुलिस आपके जिले में नहीं घुसेगी।

'दिल्ली पुलिस का कोई और इलाज नहीं रहा'
चंढूनी ने कहा, 'यह विनती भी करना चाहूंगा कि जिस भी पुलिसवाले का घेराव करें, उसके साथ कोई ज्यादती न करें, कोई मारपीट न करें। उनको बिठाएं...खिलाएं-पिलाएं...आराम से रखें, लेकिन तब तक नहीं छोड़ें जब तक जिला प्रशासन नहीं आ जाए। इन सभी बातों का ध्यान रखना है। इस पर एक्शन लेना है, क्योंकि दिल्ली पुलिस का कोई और इलाज नहीं रहा है। इस तरह की ज्यादतियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। सभी जगह इनका घेराव करना शुरू कर दो।'

चंढूनी का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने अतिक्रूरता बरत रही है। बहुत से किसानों को पहले ही पकड़ चुके हैं। वे अभी तक जेलों में हैं और उन पर 307 तक के मुकदमे बना दिए। हमारे कई ट्रैक्टर अभी तक नहीं छूटे हैं। बहुत से किसानों को नोटिस आ रहे हैं। जब किसान वहां पर जाता है तो उसे पकड़कर वहीं बैठा देते हैं।

दिल्ली पुलिस ने कहा- किसानों की मर्जी नहीं चलेगी
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि किसान आंदोलन के सिलसिले में अब तक 152 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। कुछ लोग जांच में शामिल नहीं होना चाहते लेकिन यह उनकी मर्जी का मामला नहीं है। किसान नेताओं को नोटिसों का जवाब देना होगा।

किसान नेता का फरमान- भाजपा नेताओं का बायकॉट करें
भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने फरमान जारी किया है कि किसी को भी अपने कार्यक्रमों ने भाजपा नेताओं को इनविटेशन नहीं देना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो हमें बताएं, अगले दिन उसे 100 लोगों का खाना भेजना पड़ेगा। इसे चाहें तो आदेश समझ लें या सलाह समझ लें। अगर भाजपा नेताओं से दुर्व्यवहार होता है तो वे भारतीय किसान यूनियन को दोष देंगे। इसलिए मैं कहता हूं कि उन्हें अपने घर में ही खुश रहना चाहिए। अगर आप चाहें तो इसे बायकॉट भी समझ सकते हैं।

राकेश बोले- नुकसान सह लेंगे, लेकिन आंदोलन कमजोर नहीं होगा
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसान 70 सालों से नुकसान झेल रहे हैं। वे एक और फसल के नुकसान के लिए तैयार हैं। अगर उन्हें फसल काटने के लिए ज्यादा वर्कर की मदद की जरूरत पड़ी तो भी तैयार हैं। वे फसल को घरों पर रख लेंगे लेकिन, आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे।

और ज्यादा जाने ....

Comments

Popular posts from this blog

दिशा को 3 दिन की न्यायिक हिरासत; कोर्ट ने कहा- लोगों को बोलने का अधिकार, लेकिन देश की अखंडता का ध्यान रखना जरूरी